Top 4 moral stories in hindi for class 6

Top 4 moral stories in Hindi for class 6( 4 शीर्ष 



हिंदी नैतिक कहानियाँ) 



Today I am sharing with you 4 interesting moral stories in hindi for class 6. I hope that these moral stories fulfill the enjoyment of kids and teach moral values to them.


These moral stories have lots of moral values and fun.So readers lets start these 4 moral stories in hindi for class 6.


कक्षा 6 के लिए 4 शीर्ष हिंदी नैतिक कहानियाँ तालिका :


1. लालची बन्दर 
2. सर्वस्व दान 
3. पक्की दोस्ती 
4. अहंकारी शेरनी 

            1. लालची बन्दर  ( short moral stories in hindi for class 6)

                                    moral stories in hindi for class 6

एक बंदर एक मनुष्य के घर प्रतिदिन आता था और ऊद्यम करता था। वह कभी कपड़े फाड़ देता, कभी कोई बर्तन उठा ले जाता और कभी बच्चों को नोंच लेता।


वह खाने पीने की वस्तुएँ ले जाता था, इसका दुःख उन घर वालो को नहीं था , किन्तु उस बंदर के उपद्रव से वे तंग आ गये थे।


एक दिन घर के स्वामी ने कहा कि मै इस बंदर को पकड़कर बाहर भेज दूँगा। उसने एक छोटे मुँह की हांडी मंगायी और उसमें भुने चने डालकर हांडी को भूमि में गाड़ दिया। केवल हांडी का मोह खुला हुआ था। सब लोग वहाँ से दूर चले गये।


वह बंदर घर मे आया। थोड़ी देर इधर -उधर कूदता रहा। जब उसने गाड़ी हुए हांडी में चने तो हांडी के पास आकर बैठ गया। चने निकलने के लिए उसने हांडी में हाथ डाला और मुठ्ठी में चने भर लिए।


हांडी का मुँह छोटा था। उसमें से बंधी मुठ्ठी नही निकल सकती थी। बंदर मुठ्ठी निकलने के लिए जोर लगाने और कूदने लगा। वह चिल्लाया और उछला, किन्तु लालच के मारे मुठ्ठी के चने उसने नही छोड़े।


बंदर को घर के स्वामी ने रस्सी से बांध लिया और बाहर भेज दिया। चनो का लालच करने से बंदर पकड़ा गया । 


तो इस कहानी का नैतिक यह है कि लालच बुरी बला हैं।


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            2. सर्वस्व दान ( short moral stories in hindi for class 6)

                                

                                moral stories in hindi for class 6



बहुत समय पहले की बात है। उस समय बहुत तेज बारिश हो रही थी। एक साधु बाबा एक गांव से दूसरे गांव जा रहे थे। रास्ते मे एक मंदिर था,वह मंदिर बहुत पुराना था।


 उस मंदिर में दरारे पड़ी हुई थी। तेज बरसात से बचने के लिये साधु बाबा उस मंदिर में जाकर बैठ गए। तेज बरसात और तेज हवा के चलते मंदिर का बहुत से भाग लड़खड़ाकर गिर पड़ा। भाग्य से वे जहाँ बैठे थे , उधर का कोना बच गया।


उन्होंने सोचा कि मेरे रहते भगवान का मंदिर गिरा है तो इसे बनवाने के बाद ही मुझे कही जाना चाहिए।साधु ने सुबह पास के गाँवो से चंदा जमा करना प्रारंभ कर दिया। आसपास के गांव के लोगो मे श्रद्धा थी, जिसकी वजह से बहुत सारा चंदा इकट्टा हो गया।


मंदिर बन गया। भगवान की मूर्ति की उत्सव के दिन बड़े हर्ष ओ उल्लाष के साथ स्थापना की गयी। भंडारा हुआ। सबने आंनद से भगवान का प्रसाद लिया। भंडारे के दिन शाम को सभा हुई। साधु बाबा दाताओ को धन्यवाद देने के लिए खड़े हुए।


उनके हाथ मे एक कागज था। उसमें लंबी सूची थी। उन्होंने कहा सबसे बड़ा दान एक बुढ़िया माता ने दिया है। वे स्वयं आकर दे गई थी। लोगो ने सोचा कि अवश्य किसी बुढ़िया ने सौ-दो सौ रुपऐ दिए होंगे। कई लोगो ने सौ रुपए दिए थे।


लेकिन सबसे बड़ा आश्चर्य तब हुआ, जब बाबा ने कहा कि उस बुढ़िया माता ने मुझे चार आने पैसे एयर थोड़ा सा आटा दिया है। लोगो ने समझा कि साधु बाबा हँसी कर रहे है। साधु बाबा ने आगे कहा कि वह बुढ़िया माता लोगो के घर मे आटा पीसकर अपना काम चलाती है।


ये पैसे कई महीने में एकत्र कर पाई थी। यही उनकी सारी पूंजी थी। मैं सर्वस्व दान करने वाली उन श्रद्धालु माता को प्रणाम करता हूं।

लोगो ने मस्तक झुका लिए। सचमुच बुढ़िया माता का मन से दिया हुआ सर्वस्व दान ही सबसे बड़ा था।


तो कहानी का नैतिक यह है कि हमे कभी भी दान करते हुए सोचना नही चाहिए क्योंकि मन से किया हुआ दान सबसे बड़ा दान होता है ये बात तो ग्रंथों में भी हैं।


3. पक्की दोस्ती ( short moral stories in hindi for class 6)

         
                                              moral stories in hindi for class 6



बहुत समय पहले की बात है। एक गरीब व्यक्ति एक गांव में रहता था। गरीब होने की वजह से वह 2 या 3 दिन में एक बार ही सही ढंग से भोजन कर पाता था। वह व्यक्ति अपनी इस स्थिति से बहुत परेशान हो गया था।

 

उसने वह गांव छोड़कर शहर जाने का सोचा। वह अगली सुबह शहर के लिए निकल पड़ा। वह चलते चलते गांव से बहुत दूर आ गया था। बहुत ज्यादा चलने की वजह से वह बहुत थक गया था।


उसे रास्ते मे एक आम का पेड़ दिखाई दिया। उसने उस पेड़ की छांव में कुछ देर आराम करके आगे जाने का निर्णय लिया। वह पेड़ की छांव में सुस्ताने लगा।


तभी उसकी आंख लग गयी और वह गहरी नींद में चला गया। तभी अचानक से एक केकड़ा वह आ गया। वह केकड़ा 2 दिन से भूखा था। वह बहुत ज्यादा भूखा था जिसकी वजह से उसे बहुत गुस्सा आ रहा था।

 

उसने उस व्यक्ति को काटने की सोची। जैसे ही वह इस व्यक्ति की तरफ बढ़ने लगा, तभी अचानक से उस व्यक्ति के ऊपर आम का फल गिर गया, जिससे उस व्यक्ति की नींद टूटी गयी और उसने उस केकड़े को अपनी ओर आते हुए देख लिया, वह आदमी बहुत दुखी होने की वजह से उसने उस केकड़े को बोला कि मै 3 दिनों से भूखा हुँ और मै बहुत थका हुआ हूं।

 

तुम्हे मुझे खाकर क्या मिलेगा। उस व्यक्ति की बात सुनकर उस केकड़े का दिल पसीज गया। वह बोला हम दोनों एक ही परिस्थिति के शिकार हैं। हम दोनों ही भूखे है। फिर उन दोनों ने अपने अपने जीवन में जो अब तक घटित हुआ वो अब एक दूसरे को बताया।

 

फिर केकड़े ने बोला कि आज से में तुम्हारा पक्का मित्र। आज से हम दोनो साथ मिलकर काम करेंगे। थोड़ी देर बाद आम के फल खाकर दोनो शहर की ओर चल दिये। फिर से बहुत ज्यादा चलने की वजह से वह व्यक्ति बहुत थक गया और रास्ते मे सुस्ताने का विचार किया। 


moral stories in hindi for class 6


उन्हें रास्ते के बीच मे एक झोपड़ी मिली । वह झोपड़ी बहुत पुरानी और जर्जर थी। लेकिन उस झोपड़ी में एक खाट थी। उस आदमी ने उस खाट पर सुस्ताने का सोचा। 


वह आदमी उस खाट पर आराम करने लगा और आराम करते-करते उस व्यक्ति की आंख लग गयी और वह फिर गहरी नींद में चला गया।केकड़ा उस व्यक्ति की रखवाली करने लगा।

 

तभी अचानक से कही से सांप उस झोपड़ी में आ गया। वह सांप उस व्यक्ति को काटने की मंशा से उसकी ओर बढ़ने लगा। तभी केकड़े ने उस सांप को देख लिया, उस केकड़े ने उन व्यक्ति को बहुत आवाज लगाई लेकिन व्यक्ति बहुत गहरी नींद में होने की वजह से उस केकड़े की आवाज नही सुन पाया।

 

अंत मे जब सांप व्यक्ति के बहुत क़रीब पहुँच गया तो अपने मित्र को बचाने के लिए केकड़े ने उस सांप पर हमला कर दिया। इस लड़ाई में केकड़ा बहुत घायल हो गया, चुकि सांप भी बहुत घायल हो गया था तो वह वह से चला गया।

 

केकड़ा अपनी अंतिम सांस लेते हुए उस व्यक्ति को पुकारने लगा। तभी उस व्यक्ति की आंख खुल गयी। उसने उस केकड़े को गंभीर हालत में देखा तो वह बहुत दुखी हुआ और उसने उस केकड़े से पूछा कि ये सब कैसे हुआ। तब केकड़े ने उस व्यक्ति को पूरी घटना बता दी। 


तब व्यक्ति बोला को तुम मेरी जान बचाने के लिए सांप से लड़ गए। सच मे तुम्हारी दोस्ती को सलाम मेरे मित्र केकड़े। तब केकड़े ने कहा कि जब दोस्ती की है तो निभानी तो थी ही और यह कहते हुए उस केकड़े ने अपने प्राण त्याग दिए।


तो उस कहानी का नैतिक यह है कि जब भी हम किसी से पक्की मित्रता करते है तो उसे पूरी ईमानदारी से निभानी चाहिए चाहे जान पर क्यो न बन आये। जैसे केकड़े ने उस व्यक्ति के लिए किया।



4. अहंकारी शेरनी ( short moral stories in hindi for class 6)  

                                 

                                moral stories in hindi for class 6


बहुत समय पहले एक जंगल मे एक शेर और एक शेरनी राज किया करते थे। शेर का व्यवहार दूसरे जानवरो के प्रति काफी बढ़िया था। वह हमेशा जंगल के जानवरों की मदद करता था।


इसके उलट शेरनी बहुत घमंडी थीं। शेरनी को अपने रूप और ताकत पर बहुत घमंड था। वह जंगल के जानवरों को बहुत तुच्छ समझती थी। शेर और शेरनी के 2 बच्चे थे।


 वे दोनों बच्चे जब भी दूसरे जानवरो के साथ खेलने जाते तो शेरनी उन्हें ये कहकर रोक देती थी कि ये जानवर हमारी बराबरी के नही है। जंगल के जानवर शेरनी के इस व्यवहार से बहुत गुस्से में रहते थे। एक दिन जब शेर जंगल के बाहर किसी काम से चला जाता है।


शेरनी उस दिन अपने बच्चों को लेकर जंगल के पास बह रही नदी के पास घूमने जाती है। नदी के पास पहुँचकर शेरनी ने थोड़ा समय अपने बच्चों के साथ बिताया।


फिर थोड़ी देर बाद वह सुस्ताने नदी के किनारे बैठ गयी। इस बात का फायदा उठाकर शेरनी के दोनों बच्चे दूसरे जानवरो के साथ खेलने चले जाते है। थोड़ी देर बाद शेरनी की नींद खुल गयी। अपने दोनों बच्चों को पास में न देखकर वह बहुत डर गई।


वह उनकी तलाश में उन्हें पुकारते हुए जंगल मे चली गयी। रास्ते मे उसे एक हाथी मिला। शेरनी ने हाथी से पूछा कि क्या तुमने मेंरे बच्चों को कही देखा है क्या? तब हाथी बोलता है कि रानी मै तो मोटा और पागल हाथी हुँ ना मै उन्हें कहाँ से देख सकता हुँ और अगर वो मुझे दिख भी जाते तो मै नही बताता।


हाथी की बात सुनकर शेरनी बहुत दुखी हुई। वह आगे चली गयी। अब शेरनी को रास्ते मे बंदर मिला। शेरनी ने बंदर से पूछा कि क्या तुमने मेरे बच्चों को कही देखा है। तब बंदर बोला अरे महारानी आपकी नजर में तो मै एक शरारती बंदर हुँ ना। मै कहाँ से आप के बच्चो को देख सकता हुँ।


moral stories in hindi for class 6


शेरनी बंदर की बात सुनकर ओर ज्यादा दुखी हो गयी और वह फिर वापस अपने बच्चो को ढूंढने आगे चली गयी। अब रास्ते मे शेरनी को एक घोड़ा और एक ऊँट मिलते हैं। शेरनी उन दोनों से पूछती है कि क्या तुम दोनो ने मेरे बच्चो को को कही देखा है। 


तब घोड़ा बोलता है कि आपके हिसाब से तो मै तो एक पागल बेलगाम घोड़ा हुँ ना। फिर ऊँट भी बोलता है कि आपके हिसाब से तो मेरी इस जंगल मे कोई गिनती ही नही हैं, मुझे तो इस जंगल मे होना ही नही चाहिये। उन दोनो की बातें सुनकर शेरनी रोने लगती है।


तभी थोड़ी देर में जंगल के सारे जानवर वह इकट्टा हो जाते हैं। तब उन सब के सामने शेरनी ने बोला कि अब मुझे अहसास हो गया है कि जिंन्दगी में एक दोस्त का होना कितना जरूरी हैं, आप सभी मुझे माफ कर दीजिए।


शेरनी को रोता देख वहाँ उपस्थित चूहा बोलता है कि शेरनी रानी आप मत रोइये, हम सब आपके बच्चो को ढूंढने में आपकी मदद करेंगे। तब सभी जानवर शेरनी के बच्चो को खोजने में लग जाते है। 


थोड़ी देर बाद घोड़े को शेरनी के दोनों बच्चे एक कछुए के साथ खेलते हुए नज़र आ जाते हैं। वह सभी जानवरो को जोर से आवाज दे कर कहता है कि रानी के बच्चे मिल गए। तब शेरनी वहाँ पर पहुँच जाती है।


अपने दोनों बच्चो को देखकर शेरनी बहुत खुश हो जाती है। शेरनी जंगल के जानवरों का शुक्रिया अदा करती है और कहती है कि आज से मै आप सब जानवरो का आदर करूँगी और आप सभी के साथ अच्छा व्यवहार करूँगी।


तो कहानी का नैतिक यह है कि घमंड हमे अपनो से दूर करता है और इससे हमें बहुत हानि भी होती है।


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